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संन्यास आश्रम में Yog सम्मेलन का आयोजन, गुरुकुल शिक्षा प्रणाली को अपनाने पर जोर

गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थानम लखनऊ एवं शंभू दयाल दयानंद वैदिक संन्यास आश्रम गाजियाबाद के संयुक्त तत्वावधान में संन्यास आश्रम दयानंद नगर में योग सम्मेलन आयोजित किया गया। कार्यक्रम में विभिन्न योगिक क्रियाओं का अभ्यास कराकर इनके लाभों पर चर्चा की गई। वक्ताओं ने योग के बढ‍़ते महत्व पर प्रकाश डाला। सबसे पहले योगी प्रवीण आर्य के ब्रह्मत्व में महायज्ञ कराया गया।

तदुपरांत दीप प्रज्जवलित कर योग सम्मेलन का शुभांरभ किया गया। मुख्य वक्ता आयुष मंत्रालय भारत सरकार के पूर्व विशेष सलाहकार डाॅ. गिरीश चंद्र गौड़ ने कहा की आज सकल विश्व में आयुर्वेद और योग का डंका बज रहा है। उन्होंने बताया कि महाराज धनवंतरी आयुर्वेद के जनक हैं। डॉ. गौड़ ने स्वस्थ रहने के लिए कुछ टिप्स देकर इन्हें जीवन में अपनाने की सलाह दी।

उप्र सरकार के पूर्व मंत्री बालेश्वर त्यागी ने कहा कि आनंद धन सम्पदा में नहीं, मन की दशा में है। स्वस्थ रहने के लिए आज जनमानस की रूचि योग और आयुर्वेद में बढ़ी है। उन्होंने गुरुकुल शिक्षा प्रणाली को अपनाने पर जोर दिया। योगी दानवीर विद्यालंकार, डाॅ. राज कुमार, जितेंद्र आर्य आदि ने भी विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन डाॅ. अग्निदेव शास्त्री ने किया।

इस दरम्यान सूर्य नमस्कार, गोमुखासन, पद्मासन, शीर्षासन, गरुड़ासन, धनुर्रासन, ताड़ासन, कटिचक्रासन, कंधों के सूक्ष्माभास कराए गए। इस अवसर पर नीरज गोयल, के.के. अरोड़ा, डाॅ. प्रमोद सक्सेना, मंगल सिंह चौधरी, वेद व्यास, त्रिलोक शास्त्री, आशा आर्या, सत्यपाल आर्य आदि मौजूद रहे।

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